नई दिल्ली। यमुना में कभी बाढ़ की स्थिति पैदा हो, तो तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए सिंचाई विभाग ने फ्लड नेचर की स्टडी कराने का फैसला किया है। स्टडी के लिए विभाग पूणे बेस्ड सेंट्रल वॉटर एंड पावर रिसर्च (सीडब्ल्यूपीआरएस) कंपनी को नियुक्त किया गया है। एजेंसी यमुना में बने पुल से यमुना में बाढ़ का कितना खतरा है, इसकी स्टडी कराई जाएगी। यमुना में बाढ़ आने से तटवर्ती इलाकों में पानी बैक न मारे, इसके लिए रेत खनन की जरूरत है या नहीं, इस पर भी एजेंसी को सुझाव देने के लिए कहा गया है। पूर्वी दिल्ली की ओर जो तटबंध बनाए थे, उसके साथ अन्य तटबंध भी बनाने की जरूरत है या नहीं, इस पर स्टडी की जाएगी सिंचाई और बाढ़ विभाग अफसरों के अनुसार पिछले साल जुलाई में बाढ़ के चलते चंदगीराम, आईएसबीटी कश्मीरी गेट, निगम बोध घाट, शांति वन, राजघाट और आईटीओ पर पानी भर गया था। बाढ़ से करीब एक महीने तक दिल्ली में स्थिति गंभीर बनी रही। भविष्य में दिल्लीवालों को ऐसी भयावह स्थिति का सामना न करना पड़े, इसके लिए यमुना में बाढ़ के नेचर जानने और उससे किन-किन इलाकों में समस्या हो सकती है इसका सर्वे कराया जाएगा। स्टडी के लिए पूणे बेस्ड एक एजेंसी को नियुक्त किया गया है, जिसे 5 महीने में यह काम पूरा करना है। अगले 10 साल, 50 साल और 100 साल में बाढ़ आए, तो दिल्ली के किन-किन इलाकों में खतरा होगा और बाढ़ असर कितना होगा, इसका भी आकलन कर एजेंसी को बताना है।
दिल्ली में यमुना पर बने ब्रिज से बाढ़ का कितना खतरा
You Might Also Like
Leave a comment
Leave a comment
- Advertisement -
- Advertisement -