दिल्ली में एक मौसा ने अपनी 6 साल की भतीजी को "किंडर जॉय" खिलाने के बहाने से अपहरण कर लिया. घटना का जानकारी मिलते ही पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी. पुलिस घर के आसपास लगे CCTV कैमरे खंगालने लगी. वहीं, पुलिस ने जांच-पड़ताल करते हुए 36 घंटे के अंदर ही बच्ची को आरोपी मौसा के चंगुल से छुड़ा लिया. आरोपी मौसा ने बच्ची के परिवार से पैसा वसूलने के लिए इस घटना का अंजाम दिया था. बुधवार शाम 6PM आईपी एस्टेट थाने में छह साल की बच्ची के अपहरण होने की कॉल गई. घटना का जानकारी मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल शुरू कर दी. पुलिस घर के आसपास लगे CCTV खंगालने लगी. इसी दौरान पीड़ित परिवार को मलेशिया के नंबर के फिरौती के लिए कॉल आया, जिसमें फिरौती मांगने वाले ने बच्ची की मां से कहा कि तुम्हारी बेटे मेरे पास है.
परिवार में पैसों को लेकर था विवाद
आगे फिरौती मांगने वाले ने कहा कि फिरौती कहां और कब देनी है, इसके लिए दोबारा कॉल करूंगा. अपहरण की जानकारी लगते ही पुलिस ने FIR दर्ज करते हुए मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी. पुलिस ने जांच-पड़ताल करते हुए CCTV कैमरे खंगालने शुरू कर दिए. इसी के साथ पुलिस परिवार के लोगों से अपहरण से संबंधित जरूरी पूछताछ करने लगी. पूछताछ में पुलिस को परिवार में पैसों को लेकर विवाद चल रहा, इसकी जानकारी हुई.
शक के आधार पर रखी आरोपी पर नजर
फिरौती की कॉल की जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि कॉल बेशक मलेशिया के नंबर से आया है, लेकिन कॉल बिहार के सीतामढ़ी इलाके से की गई है. इसके बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम फ्लाइट से बिहार पहुंची, जहां पहुंचकर पुलिस ने अपनी जांच-पड़ताल शुरू कर दी. पुलिस को जांच के दौरान बच्ची के मौसा बिसन पर अपहरण करने का शक हुआ. पुलिस ने जांच के लिए बिसन पर नजर रखनी शुरू कर दी.
पुलिस ने नेपाल बॉर्डर से आरोपियों को पकड़ा
पुलिस ने बिसन को फॉलोअप करना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उसे नेपाल बॉर्डर से बच्ची को ले जाते हुए गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान पुलिस ने चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया, जिसमें बच्ची की मौसी और माौसा के तीन दोस्त थे. बिसन बच्ची को सरहद पार करके नेपाल में अपने एक रिश्तेदार के घर ले जा रहा था. पुलिस की पूछताछ में आरोपी मौसा ने बताया कि बच्ची के चाचा ने उससे 30 लाख रुपए लिए थे, लेकिन अब वह उन पैसों को लौटा नहीं रहा था, जिस कारण उसने बच्ची का अपहरण कर पैसा वसूलने की साजिश रची थी.