सुनीता विलियम्स पिछले एक अरसे से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं।
उनके साथ बुच विल्मोर भी वहीं पर हैं। आखिर दोनों को स्पेस से वापस लाने में देरी क्यों हो रही है, नासा ने इसकी वजह बताई है।
इन दोनों को वापस लाने का फैसला एक अन्य भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट से भी जुड़ा हुआ है। वह एस्ट्रोनॉट थी, कल्पना चावला।
एक फरवरी, 2003 को कल्पना चावला को लेकर लौट रहा स्पेस शटल धरती की परिधि में आते ही आग के गोले में बदल गया था।
इस स्पेस शटल में छह अन्य अंतरिक्ष यात्री भी थे। उससे पहले 26 जनवरी, 1986 को स्पेस शटल चैलेंजर के फटने से भी 14 अंतरिक्ष यात्रियों ने जान गंवा दी थी।
अब नासा के जेहन में चल रहा है कि कहीं सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को जल्दबाजी भी उनकी जान पर भारी न पड़ जाए।
यही वजह है कि नासा इस मामले में फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले आठ महीने से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं।
नासा के चीफ बिल नेल्सन ने कहा कि यह दो हादसे हमारे फैसलों पर बहुत असर डाल रहे हैं। यही वजह रही कि हमने बोइंग स्टारलाइनर को खाली ही वापस लाने का फैसला किया।
नेल्सन खुद भी एस्ट्रोनॉट हैं और पहले के दो हादसों को लेकर हुई जांच का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नासा ने कुछ गलतियां की थीं।
नेल्सन ने कहा कि नासा का कल्चर ऐसा था कि जूनियर फ्लाइट इंजीनियर खतरे की बात करते थे तब भी उन्हें नहीं सुना जाता था। आज लोगों को अपने मन की बात कहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यही वजह है कि नासा ने फैसला किया है कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मर को फरवरी 2025 में वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक सर्वमान्य फैसला है।
नासा प्रमुख ने कहा कि स्पेसफ्लाइट खतरों से भरी हुई है। यहां तक कि सबसे सुरक्षित और सबसे नियमित उड़ान में भी खतरा है।
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि अभी बुच और सुनीता को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रखा गया है। छह जून को जब स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट स्पेस स्टेशन के पास पहुंचा तो इंजीनियर्स ने इसमें कुछ दिक्कतें महसूस कीं। इसमें हिलियम लीक के साथ-साथ कंट्रोल थ्रस्टर्स में भी प्रॉब्लम देखी गई।
इसके चलते स्टारलाइनर को खाली ही वापस भेज दिया गया था। नासा ने एक बयान में कहा था कि अनिश्चितता और विशेषज्ञों की सहमति की कमी मानव अंतरिक्ष यान के लिए हमारे सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के खिलाफ है। अब स्टारलाइनर छह सितंबर को धरती पर वापस लौटेगा।
कल्पना चावला की दक्षिणी अमेरिका में आसमान में उस समय मौत हो गई जब अंतरिक्ष यान कोलंबिया और उसके चालक दल के सदस्य निर्धारित लैंडिंग से 16 मिनट पहले फिर से प्रवेश के दौरान अलग हो गए।
कल्पना चावला ने 1976 में हरियाणा के करनाल के टैगोर स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद 1982 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीएससी की डिग्री हासिल की।
अमेरिका में आगे की शिक्षा पूरी करने के बाद, वह 1994 में एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में नासा में शामिल हुईं।
The post सुनीता विलियम्स को स्पेस से लाने में देरी क्यों, नासा ने बताई वजह; कल्पना चावला से क्या कनेक्शन… appeared first on .