रायपुर: राज्य सरकार की कृषक उन्नति योजना का फायदा धान के अलावा दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य फसल, कोदो, कुटकी, रागी एवं कपास की फसल लेने वाले किसानों को भी मिलेगा। उन्हें प्रति एकड़ दस हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। राज्य शासन के कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग ने योजना के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कृषि विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमीय प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है। इनके कारण किसान फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं। राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं काश्त लागत में राहत देने के लिए कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई गई है। राज्य शासन ने फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन व तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ चिन्हित अन्य फसलों पर आदान सहायता राशि देने का निर्णय लिया है।
कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्ही कृषकों को मिलेगा जिन्होने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया है। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान की फसल ली है तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया है, ऐसे किसानों द्वारा धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल के लिए किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि के उपरांत मान्य रकबे पर 11 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य फसल, कोदो, कुटकी, रागी एवं कपास उगाने वाले किसानों को एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरान्त मान्य रकबे पर दस हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता प्रदान की जाएगी।
कृषक उन्नति योजना के नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार विधिक व्यक्तियों जैसे ट्रस्ट, मण्डल, प्राइवेट लिमिटेड, समिति, केन्द्र एवं राज्य शासन की संस्था, महाविद्यालय आदि संस्थाओं को योजना से लाभ लेने की पात्रता नहीं होगी। जो कृषक प्रमाणित धान बीज उत्पादन कार्यक्रम लेते हैं, और सामान्य धान भी सहकारी समितियों में विक्रय करते है, उनके द्वारा कुल विक्रय की जाने वाली धान की मात्रा, उनके कुल धारित रकबे की सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए। इसे छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा आपसी समन्वय से सुनिश्चित किया जाएगा।
कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सीलिंग कानून के प्रावधानों के अध्याधीन किया जाएगा। कृषकों को आदान सहायता राशि उनके बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से की जाएगी। खरीफ सीजन-2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर धान (कॉमन) पर 731 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 15 हजार 351 रुपए प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर 711 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 14 हजार 931 रुपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
बीज उत्पादक किसानों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को विक्रय किए गए धान बीज पर निर्धारित आदान सहायता राशि की कृषकवार मांग का विवरण बीज निगम द्वारा संचालक कृषि को प्रेषित किया जाएगा। संचालक कृषि द्वारा मांग अनुसार राशि छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को उपलब्ध कराई जाएगी। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या कृषि विभाग के विकासखण्ड मुख्यालयों में स्थित कार्यालयों से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।