वास्तुशास्त्र मानव जीवन में सकारात्मकता के लिए कई टिप्स फॉलो करने की सलाह देता है. लोग भी अपने घर में वास्तु अनुरूप हर चीज को संतुलित रखने का प्रयास करता है. शायद इसलिए ही साल 2024 में वास्तु के कई ऐसे उपाय हैं जो कि बेहद प्रचलित रहे हैं. वास्तु के इन उपायों को अपनाकर लोगों ने अपने जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्क ऊर्जा का अनुभव किया है. तो आइए जानते हैं उन्ही प्रचलित उपायों के बारे में जानते हैं, हो सकता है इन्हें अपनाकर आपके जीवन में भी खुशहाली आ जाए.
किस दिशा में मुख करके बनाएं खाना
इस साल लोगों ने दक्षिण दिशा में किचन व किस तरफ मुख करके खाना बनाने के बारे में जानना चाहा, इस बारे में वास्तुशास्त्र के सलाहकार डॉ. अरविंद पचौरी बताते हैं कि दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके खाना बनाना शुभ नहीं माना जाता है. क्योंकि यह दिशा यम की दिशा मानी जाती है.क्योंकि ऐसा करने से इसके दुष्प्रभाव के चलते घर के सदस्यों की सेहत पर असर पड़ सकता है.
वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए घर का मुख्य द्वार
इसके अलावा लोगों ने इस साल यह भी जानना चाहा कि मुख्य द्वार को कैसा रखें जिससे कि हमारे घर में सकारात्कता बनी रहे और लक्ष्मी का आगमन हो, तो आपको बता दें कि वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार को हमेशा साऱ-सुथरा रखना चाहिए. इसके साथ ही यह सुनिश्चितमुताबिक करें कि आपका मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम दिशा की तरफ हो, इससे आपके घर में सकारात्मकता बनी रहती है.
वास्तु के अनुसार सलाह दी जाती है कि, घर का मुख्य दरवाजा टूटा हुआ नहीं होना चाहिए . साथ ही मुख्य द्वार अगर दक्षिण दिशा में है तो सुनिश्चित करें कि इसके बाहर बगीचा जरुर हो.इसके साथ ही आपको घर के मुख्य द्वार के बाहर कूड़ादान या शू रैक जैसी चीजें रखने से बचना चाहिए।
क्या दक्षिण मुखी घर हो सकता है शुभ?
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर की कुछ दिशाओं में मुख्य द्वार का होना बहुत शुभ माना जाता है. वहीं कुछ दिशाएं ऐसी भी हैं जो कि जिनमें मुख्य द्वार के होने से मिलेजुले परिणाम मिलते हैं. जिनमें दक्षिण दिशा आती है. कई लोगों के मन में सवाल रहता है कि क्या दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार होना शुभ माना जाता है.
तो इस बारे में वास्तु सलाहकार डॉ. अरविंद पचौरी बताते हैं कि इस दिशा में मेन गेट होना कई मायनों में शुभ भी माना जाता है, क्योंकि इस दिशा में सूरज की रोशनी ज्यादा समय रहती है. इसलिए यहां सकारात्मक ऊर्जा का कारण बनता है. साथ ही धनलाभ के योग भी बनते हैं. वहीं अगर इसके नकारात्मक पहलुओं के बारे में बात करें तो ये घर के मुखिया के लिए शुभ नहीं माना जाता