इजरायल और हमास के बीच युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
युद्धविराम की चर्चाओं के बीच इजरायली सेना गाजा में उन नए ठिकानों को निशाना बना रही है, जो कभी उसके द्वारा आश्रितों के लिए छिपने की जगह चुनी गई थी।
मध्य गाजा में इजरायली सेना ने संयुक्त राष्ट्र के एक स्कूल और दो घरों पर बुधवार रात बमबारी की। हवाई हमले में 19 महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 34 लोगों की जान चली गई गई।
गाजा अधिकारियों ने मामले में बताया कि इजरायली सेना के बम रातभर बरसते रहे। स्कूल और जिन घरों को निशाना बनाया गया, वहां विस्थापित फिलिस्तीनी परिवारों ने शरण ले रखी थी। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों में उसके छह कर्मचारी भी शामिल हैं।
गाजा में युद्ध अब अपने 11वें महीने में प्रवेश कर चुका है, जिसमें हजारों लोग मारे जा चुके हैं। दूसरी तरफ इजरायल और हमास आतंकवादी समूह के बीच युद्ध विराम के लिए मध्यस्थता करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयास बार-बार बाधित हो रहे हैं। इसकी पीछे की प्रमुख वजह दोनों पक्षों का एक-दूसरे पर लगातार आरोप और नई मांग थोपना है।
गाजा में कब्जे वाले पश्चिमी तट पर इज़रायली सैनिकों ने हवाई हमलों के साथ कई शहरों में छापे मारे, इस क्षेत्र में आईडीएफ ने कार्रवाई जारी रखी है।
इजरायली सेना का कहना है कि वह आतंकवादियों को निशाना बना रही है, लेकिन इजरायली हमलों में निर्दोष नागरिक भी बड़ी संख्या में मारे जा रहे हैं।
एक अन्य हवाई हमले में 5 फिलिस्तीनी मारे गए। मारे गए लोगों के बारे में सेना ने कहा कि वे आतंकवादी थे जो उसके सैनिकों को धमका रहे थे। हालांकि उससे उलट फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एक कार पर हुए हमले में कम से कम तीन लोग मारे गए।
इजरायल- स्कूल में हम पर हमले की योजना बना रहे थे हमास
इज़रायली सेना ने कहा कि वह स्कूल के अंदर से हमले की योजना बना रहे हमास के आतंकवादियों को निशाना बना रही है। इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। जानकारी के अनुसार, स्कूल पर हुए हमले में मारे गए बच्चों में से एक गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के सदस्य मोमिन सेल्मी की बेटी भी थी, जो घायलों को बचाने और हमलों के बाद शवों को निकालने का काम करती है।
अल-अक्सा अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि नुसेरात शरणार्थी शिविर में संयुक्त राष्ट्र के अल-जौनी प्रिपरेटरी बॉयज़ स्कूल पर हुए हमले में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो बच्चे और एक महिला शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कम से कम 18 अन्य लोग घायल हुए हैं। हमले में यूएन के 6 कर्मचारी भी मारे गए हैं।
स्कूलों और खंडहरों में शरण लिए हैं हजारों फिलिस्तीनी
पिछले साल अक्टूबर में जब से इजरायल ने गाजा पर युद्ध छेड़ा है, अपनी जान बचाने के लिए फिलिस्तीनियों को गाजा के स्कूलों और खंडहरों की शरण ले रखी है।
इन स्थानों को इजरायली सेना पहले सेफ बता चुकी थी लेकिन, अब इजरायली सेना ने इन स्थानों पर हमास के नए ठिकाने बताकर हमले तेज कर दिए हैं। अल-जौनी स्कूल, गाजा में फिलिस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी या UNWRA द्वारा संचालित कई स्कूलों में से एक है।
गौरतलब है कि गाजा में इजरायल के हमले में कम से कम 41,084 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 95,029 अन्य घायल हुए हैं। क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मरने वालों में आम नागरिकों और हमास आतंकियों की मौत की गणना अलग नहीं की गई है।
गाजा पर हमले से पहले हमास आतंकियों ने इजरायल पर पिछले साल 7 अक्टूबर को हवाई और जमीनी हमले किए थे। जिसमें लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी गई और 250 अन्य का अपहरण कर लिया गया।
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