By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept

Content News Room

Latest & Breaking News Updates In Hindi

  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • मनोरंजन
    • खेल
    • तकनीकी
    • व्यापार
    • करियर
    • लाइफ स्टाइल
Search
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: महाभारत युद्ध के बाद कितने योद्धा जीवित रहे, वो कौन कौन थे, वो महान योद्धा भी जिसका नाम कोई नहीं लेता
Share
Sign In
Notification Show More
Font ResizerAa

Content News Room

Latest & Breaking News Updates In Hindi

Font ResizerAa
  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
  • छत्तीसगढ़
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
Search
  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • मनोरंजन
    • खेल
    • तकनीकी
    • व्यापार
    • करियर
    • लाइफ स्टाइल
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Content News Room > Blog > धर्म > महाभारत युद्ध के बाद कितने योद्धा जीवित रहे, वो कौन कौन थे, वो महान योद्धा भी जिसका नाम कोई नहीं लेता
धर्म

महाभारत युद्ध के बाद कितने योद्धा जीवित रहे, वो कौन कौन थे, वो महान योद्धा भी जिसका नाम कोई नहीं लेता

Last updated: 2024/08/31 at 6:15 AM
Share
7 Min Read
महाभारत युद्ध के बाद कितने योद्धा जीवित रहे, वो कौन कौन थे, वो महान योद्धा भी जिसका नाम कोई नहीं लेता
SHARE

क्या आपको मालूम है कि सबसे बड़ा युद्ध कहा जाने वाले महाभारत की जब समाप्ति हुई तो कितने योद्धा जीवित रहे. ये इतने कम थे कि बहुत आसानी से उन्हें अंगुली पर गिना जा सकता है. ये युद्ध जब लड़ा जाना शुरू हुआ तो दोनों ओर से लाखों सैनिक युद्ध मैदान में आमने-सामने थे लेकिन जब ये खत्म हुआ तो ज्यादातर सैनिक खत्म हो चुके थे. दोनों ही पक्षों का इतना भारी नुकसान हुआ था. ऐसे में जो बचे वो बहुत किस्मत वाले थे. वैसे हम आपको बता देते हैं कि महाभारत युद्ध में जीवित रहने वाले दिग्गज योद्धाओं की संख्या दो अंकों यानि दहाई में है.

महाभारत में कुरूक्षेत्र युद्ध के परिणाम में जानमाल की भारी हानि हुई, कई योद्धा मारे गए. आइए पहले जान लेते हैं कि जब ये महायुद्ध शुरू हुआ था तो दोनों ओर से कितने सैनिक और योद्धा मैदान में थे.

कितनी बड़ी थी दोनों ओर की सेना
महाभारत के युद्ध में दोनों पक्षों की सेनाओं की कुल संख्या 18 अक्षोहिणी थी, जिसमें कौरवों की 11 और पांडवों की 7 अक्षोहिणी सेनाएं शामिल थीं. अक्षोहिणी एक प्राचीन भारतीय सेना की माप है, जिसका उपयोग महाभारत के युद्ध में किया गया था। यह एक पूर्ण चतुरंगिणी सेना का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें चार प्रमुख अंग होते हैं: पैदल सैनिक, घुड़सवार, रथी और हाथी.
एक अक्षोहिणी में निम्नलिखित सैनिक होते हैं:
पैदल सैनिक: 21,870
घोड़े: 21,870
रथ: 21,870
हाथी: 21,870
इस प्रकार एक अक्षोहिणी में कुल लगभग 109,350 सैनिक होते हैं.

युद्ध के बाद कितने दिग्गज योद्धा बचे
अब हम आपको बताते हैं कि युद्ध जब 18वें दिन खत्म हुआ तो कितने बड़े योद्धा बचे हुए थे. उनकी संख्या 11 थी, हालांकि तकनीक तौर पर देखा जाए तो ये संख्या 12 कही जानी चाहिए.

कौन-कौन बचा
पांडव पक्ष की ओर से सभी पांचों पांडव जिंदा बच गए, हालांकि उन्हें अपने सभी करीबियों और पुत्रों की जान गंवानी पड़ी. यानि युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव सभी युद्ध में बच गए. युद्ध के बाद युधिष्ठिर हस्तिनापुर के राजा बने और 36 सालों तक शासन किया.

पांडव पक्ष की ओर से युद्ध लड़ने वाले तीन और प्रमुख योद्धा या हस्तियां भी बची रहीं, वो थे भगवान कृष्ण, युयुत्सु और सात्यकि. हालांकि कृष्ण ने प्रण किया था कि वह इस युद्ध में हथियार नहीं उठाएंगे. वह अर्जुन के रथ के सारथी बने. पूरे युद्ध में पांडवों का मार्गदर्शन किया. वह युद्ध में बच गए.

कौन थे युयुत्सु और सात्यकि
अब आइए हम आपको युयुत्सु और सात्यकि के बारे में बताते हैं. युयुत्सु कौरवों का सौतेला भाई था. वह पांडवों की ओर से लड़ा. युद्ध के अंत तक बचा रहा. इसके बाद युधिष्ठिर जब राजा बने तो उन्होंने युयुत्सु को राजकाज का महत्वपूर्ण काम सौंपा. सात्यकि के बारे में कहा जाता है कि वह कृष्ण के वफादार और उनके करीबी थे. वह युद्ध में बच गए.

कौरव पक्ष की ओर से कौन जीवित रहे
अब देखते हैं कि कौरव पक्ष में जो लोग महाभारत के युद्ध में लड़े, उसमें कौन से दिग्गज युद्ध खत्म होने के बाद भी बचे रहे. उसमें अश्वत्थामा, कृपाचार्य और कृतवर्मा शामिल हैं. अश्वत्थामा ने युद्ध में अपने पिता द्रोणाचार्य को अनुचित तरीके से मारे जाने के बाद इसका प्रतिशोध लेने के चलते दृष्टद्युम्न और पांडवों के पांच पुत्रों की हत्या कर दी. इसके बदले कृष्ण ने उन्हें श्राप दिया कि वह कलयुग में भी जिंदा रहेंगे. उन्हें मृत्यु नहीं मिलेगी. कहा जाता है कि अश्वत्थामा आज भी जंगलों में भटकते रहते हैं.

कृपाचार्य पांडवों और कौरवों दोनों के शिक्षक थे, युद्ध के बाद भी जीवित रहे. फिर उन्होंने युधिष्ठर के साथ भी काम किया. कृतवर्मा कौरव सेना के एक सेनापति थे, वह भी बचे रहे. इस तरह 11 लोग इसमें बचे रहे.

भीष्म युद्ध के बाद 40 दिनों तक जिंदा रहे
वैसे अगर तकनीक तौर पर देखा जाए तो युद्ध के बाद भी भीष्म पितामह भी जिंदा थे. वह बेशक घायल होने के बाद बाणशैय्या पर लेटे रहे. वह घायल होने और बाणशैय्या पर लेटने के बाद भी 58 दिनों भी जिंदा रहे. युद्ध के दसवें दिन घायल होने की वजह से उन्हें युद्ध से हटना पड़ा था. इसका मतलब ये हुआ कि युद्ध खत्म होने के बाद भी वह 40 दिनों तक जीवित रहे. उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान मिला हुआ था. उन्होंने मकरसंक्रांति के दिन खुद के प्राण छोड़े.

अश्वत्थामा ने दुर्योधन से क्या बताया कि कितने जीवित बचे
यहां हमें महाभारत के उस प्रहसन के बारे में भी जानना चाहिए कि 18वें जब युद्ध खत्म हो गया. तब बहुत बुरी घायल अवस्था में दुर्योधन वन में अचेत थे. खून की उल्टियां कर रहे थे. तब पांडवों के पांच पुत्रों की हत्या करके अश्वत्थामा वहां पहुंचे.

अश्वत्थामा ने वहां उनकी स्थिति देखकर विलाप करना शुरू किया. उन्होंने इस बात के लिए खुद को धिक्कारा कि वह, कृतवर्मा और कृपाचार्य क्यों जिंदा बच गए और शत्रु से युद्ध में लड़ने के बाद दुर्योधन की ये स्थिति हो गई.

वह दुर्योधन से कहते हैं कि तुम स्वर्ग में जाकर द्रोणाचार्य से कहना कि आज मैंने धृष्टद्युम्न का वध कर दिया है. तुम हमारी ओर से वालीकराज, जयद्रथ, सोमदत्त, भूरिश्रवा, भगदत्त आदि का आलिंगन कर उनका कुशल-क्षेम पूछना. इसी दौरान अश्वत्थामा ये बताते हैं कि युद्ध के बाद कितने मुख्य योद्धा बचे हुए हैं. वह कहते हैं, दुर्योधन सुनो – शत्रु-पक्ष में केवल पांच पांडव, कृष्ण और सात्यकि यही सात लोग बचे हैं। हमारे पक्ष में कृपाचार्य, कृतवर्मा और मैं हूं. यहां पर ना वह युयुत्सु का नाम नहीं लेते. भीष्म पितामह की बात भी नहीं करते. वह दुर्योधन को ये भी बताते हैं कि द्रौपदी के पांच पुत्र, धृष्टद्युम्न के पुत्रगण और पांचाल व मत्स्य-देशीय सारे योद्धा मारे गए. पांडव-शिविर ध्वस्त हो चुका है.

You Might Also Like

आज का राशिफल 2 जुलाई 2025

आज का राशिफल 1 जुलाई 2025

आज का राशिफल 28 जून 2025

आज का राशिफल 25 जून 2025

आज का राशिफल 24 जून 2025

August 31, 2024 August 31, 2024
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Previous Article गणेश चतुर्थी पर घर में स्थापित करना चाहते हैं प्रतिमा? इन 5 बातों का रखें ध्यान! गणेश चतुर्थी पर घर में स्थापित करना चाहते हैं प्रतिमा? इन 5 बातों का रखें ध्यान!
Next Article हरतालिका तीज पर भूल से भी न करें ये 10 काम, कष्टों से भर जाएगा जीवन हरतालिका तीज पर भूल से भी न करें ये 10 काम, कष्टों से भर जाएगा जीवन
- Advertisement -
Ad imageAd image
- Advertisement -
Ad imageAd image

Stay Connected

235.3k Followers Like
69.1k Followers Follow
11.6k Followers Pin
56.4k Followers Follow
136k Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow

ताजा ख़बरें

CIMS अस्पताल में गंदगी में रखा खाना! हाईकोर्ट ने डीन से मांगा जवाब
CIMS अस्पताल में गंदगी में रखा खाना! हाईकोर्ट ने डीन से मांगा जवाब
छत्तीसगढ़ राज्य
गौरेला पेंड्रा मरवाही : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम का आयोजन तीन चरणों में 2 से 15 अगस्त तक
गौरेला पेंड्रा मरवाही : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम का आयोजन तीन चरणों में 2 से 15 अगस्त तक
छत्तीसगढ़ राज्य
शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बिलासपुर में यूजी इंजीनियरिंग प्रोग्राम को मिला राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NBA) से वर्ष 2028 तक मान्यता विस्तार….
शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बिलासपुर में यूजी इंजीनियरिंग प्रोग्राम को मिला राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NBA) से वर्ष 2028 तक मान्यता विस्तार….
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
दूरस्थ क्षेत्रों और विशेष पिछड़ी जनजातियों को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत –  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय…
दूरस्थ क्षेत्रों और विशेष पिछड़ी जनजातियों को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय…
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
//

यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

संपादक - Vivek Meshram
मोबाइल - 7879427991
ईमेल - [email protected]

छत्तीसगढ़ - Purani Toli , Jashpur

मध्यप्रदेश - Main Road , Baniyagaon , Kondagaon - CG

MP Info RSS Feed

Click Here to Visit MP Info Site

Archives

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
« Jul    
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • MP Info RSS Feed
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?