By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept

Content News Room

Latest & Breaking News Updates In Hindi

  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • मनोरंजन
    • खेल
    • तकनीकी
    • व्यापार
    • करियर
    • लाइफ स्टाइल
Search
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: मनमोहन सरकार में भी हुई थी ‘जाति आधारित जनगणना’, फिर क्यों नहीं जारी किए गए आंकड़े?…
Share
Sign In
Notification Show More
Font ResizerAa

Content News Room

Latest & Breaking News Updates In Hindi

Font ResizerAa
  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
  • छत्तीसगढ़
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
Search
  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • मनोरंजन
    • खेल
    • तकनीकी
    • व्यापार
    • करियर
    • लाइफ स्टाइल
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Content News Room > Blog > देश > मनमोहन सरकार में भी हुई थी ‘जाति आधारित जनगणना’, फिर क्यों नहीं जारी किए गए आंकड़े?…
देश

मनमोहन सरकार में भी हुई थी ‘जाति आधारित जनगणना’, फिर क्यों नहीं जारी किए गए आंकड़े?…

Last updated: 2024/08/30 at 11:12 AM
Share
5 Min Read
मनमोहन सरकार में भी हुई थी ‘जाति आधारित जनगणना’, फिर क्यों नहीं जारी किए गए आंकड़े?…
SHARE

विपक्ष लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है।

Contents
सरकार ने क्यों करवाया सोशियो-इकोनॉमिक कास्ट सेंसस (SECC)?2011 की जनगणना में कैसे केंद्र सरकार ने जाति को शामिल किया?

अब एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने भी विपक्ष के साथ सुर मिला दिया है। जेडीयू ने भी कहा है कि जाति आधारित जनगणना को संसदीय समिति में चर्चा के लिए शामिल किया जाए।

आजादी के बाद से भारत सरकार ने कभी जातिगत जनगणना नहीं करवाई। हालांकि यूपीए सरकार ने जनगणना के वक्त जातियों का आंकड़ा इकट्ठा जरूर करवाया था लेकिन इसे आज तक सार्वजनिक नहीं किया जा सका।

सरकार ने क्यों करवाया सोशियो-इकोनॉमिक कास्ट सेंसस (SECC)?

यूपीए 2 के दौरान जब सरकार ने गरीबों के लिए अपनी योजनााओं का विस्तार करना चाहा तो गरीबी के स्तर का पता लगाने के लिए उसने शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस कराने का फैसला लिया।

इसमें कुछ नियम तय किए गए थे जिनके तहत कुछ वर्गों को ऑटोमैटिक ही गरीबों की सूची में शामिल किया जाना था। अगर किसी परिवार के पास कार, तीन कमरों वाला पक्का मकान था तो उसे सीधे गरीबी रेखा से हटा दिया गया था।

वहीं सिंगल मदर और मैला ढोने वालों को गरीबी रेखा के नीचे की सूची में रखा जाना था। इसका मुख्य उद्देश्य परिवारों का सामाजिक-आर्थिक स्तर पर निर्धारण था। वहीं आर्थिकि और सामाजिक स्थिति के आधार पर उसकी जाति का भी पता लगाना था।

2011 की जनगणना में कैसे केंद्र सरकार ने जाति को शामिल किया?

27 मई 2010 की बैठक में कांग्रेस आलाकमान ने तय किया कि 2011 की जनगणना के साथ ही जाति के आधार पर आंकड़े भी इकट्ठा करवाए जाए।

इससे सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर तथ्यात्मक जानकारी सामने आ जाएगी। हालांकि इस जनगणना में केवल गिनती ही की जानी थी।

जाति के आधार पर किसी के सामाजिक और आर्थिक स्तर की जानकारी बताने पर पहले ही सहमति नहीं बनी थी। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अगुआई में कुछ मंत्रियों को यह काम सौंप दिया।

जब जनगणना का काम शुरू हो चुका था तब यह फैसला लिया गया। सरकार ने 2011 की जनगणना के लिए 2200 करोड़ रुपये का आवंटन किया था।

एनसी सक्सेना के अगुआई वाले ग्रुप ने प्रस्ताव रखा कि कुछ वर्गों को ऑटोमैटिक बीपीएल में रखा जाए और कुछ को बाहर कर दिया जाए।

भूमि, वाहन, खेती के उपकरणों और इनकम टैक्स के आधार पर यह तय किया जाना था। वहीं आदिवासियों, महादलितों, सिंगल महिला, दिव्यांगों और बेघरों को ऑटोमैटिक बीपीएल श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया।

इसके अलावा अन्य लोगों को जाति, समुदाय, धर्म, काम, शिक्षा और घर के मुखिया की उम्र के आधार पर आंका जाना थआ।

आलोचकों का कहना था कि एनसी सक्सेना का यह प्रस्ताव असल गरीबों की पहचान करने में कारगर नहीं होगा। इससे एससी और एसटी में गरीबों की पहचान नहीं हो पाएगी।

वहीं धोबी, कुम्हार, नाई, स्वीपर, सफाईकर्मचारी, बुनकरों को इस सेंसस में केवल दो पॉइंट मिलेंगे। ऐसे में तय किया गया कि एससी और एसटी की गणना अलग की जाएगी।

2011 की जनगणना में ग्रामीण विकास मंत्रालय के जिम्मे थी। वहीं शहरी क्षेत्रों की जनगणना शहरी विकास मंत्रालय को सौंपी गई थी।

जातिगत जनगणना का काम गृह मंत्रालय, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया और सेंसस कमिश्नर को सौंपा गया था। सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस का डेटा मंत्रालयों को जारी करना था।

हालांकि जातिगत गणना के आंकड़े जारी करने पर रोक लगा दी गई। कुछ अधिकारियों के मुताबिक लोगों का जाति बताने का तरीका अलग-अलग था।

कुछ लोग उपजाति बताते थे तो कुछ लोग समुदाय के आधार पर जाति बताते थे। इसके बाद 2022 में सामाजिक न्याय मंत्रालय ने ससंद में बताया था कि फिलहाल जाति आधारित आंकड़ा जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

वहीं एनडीए सरकार ने अरविंद पानगड़िया की अध्यक्षता में जनगणना से जातिगत आंकड़ा अलग करने के लिए एक कमेटी बनाई ती। हालांकि अब तक यह आंकड़ा जारी नहीं हो सका।

The post मनमोहन सरकार में भी हुई थी ‘जाति आधारित जनगणना’, फिर क्यों नहीं जारी किए गए आंकड़े?… appeared first on .

You Might Also Like

हिमालय की गोद से प्राप्त शुद्ध जल से निर्मित टेंसबर्ग, दिल्ली के बीयर बाजार में गुणवत्ता की नई क्रांति…

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आरोप: AAP ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया

ट्रंप ने मेक्सिको, कनाडा और चीन पर लगाया टैरिफ, भारत पर असर की संभावना पर वित्त मंत्री ने दिया बयान

केंद्र सरकार ने जेंडर बजट में 37.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की, 4.49 लाख करोड़ रुपये का हुआ आवंटन

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा- अवैध प्रवासियों को नहीं झेल सकता देश, युवाओं से की बड़ी अपील

August 30, 2024 August 30, 2024
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Previous Article शारीरिक संबंध के दम पर बनीं नेता, कमला हैरिस पर भद्दी टिप्पणी करने लगे डोनाल्ड ट्रंप… शारीरिक संबंध के दम पर बनीं नेता, कमला हैरिस पर भद्दी टिप्पणी करने लगे डोनाल्ड ट्रंप…
Next Article पोलियो अभियान के लिए ‘युद्धविराम’ पर सहमत हो गए इजरायल और हमास, इतने दिन नहीं होगा हमला… पोलियो अभियान के लिए ‘युद्धविराम’ पर सहमत हो गए इजरायल और हमास, इतने दिन नहीं होगा हमला…
- Advertisement -
Ad imageAd image
- Advertisement -
Ad imageAd image

Stay Connected

235.3k Followers Like
69.1k Followers Follow
11.6k Followers Pin
56.4k Followers Follow
136k Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow

ताजा ख़बरें

स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी के टाउन हॉल में छायाचित्र प्रदर्शनी…
स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी के टाउन हॉल में छायाचित्र प्रदर्शनी…
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 15 अगस्त 2025 को सुबह 11 बजे छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे….
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 15 अगस्त 2025 को सुबह 11 बजे छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे….
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता दिवस की दी बधाई, रोशनी से आलोकित हुआ मुख्यमंत्री निवास….
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता दिवस की दी बधाई, रोशनी से आलोकित हुआ मुख्यमंत्री निवास….
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
रायपुर के मरीन ड्राईव में 79वें स्वतंत्रता दिवस पर सीआरपीएफ का विशेष बैंड डिस्प्ले…..
रायपुर के मरीन ड्राईव में 79वें स्वतंत्रता दिवस पर सीआरपीएफ का विशेष बैंड डिस्प्ले…..
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
//

यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

संपादक - Vivek Meshram
मोबाइल - 7879427991
ईमेल - [email protected]

छत्तीसगढ़ - Purani Toli , Jashpur

मध्यप्रदेश - Main Road , Baniyagaon , Kondagaon - CG

MP Info RSS Feed

Click Here to Visit MP Info Site

Archives

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
« Jul    
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • MP Info RSS Feed
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?