नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव में सभी सात सीटें जीतने के बाद भाजपा अब विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। दिल्ली की सत्ता प्राप्त करने के लिए भाजपा को सभी वर्गों का समर्थन चाहिए। परंतु, अनुसूचित जाति के बीच कमजोर पकड़ पार्टी के लिए चिंता का विषय है। इसे ध्यान में रखकर रणनीति तैयार की जा रही है। इनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ाव बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। इसके लिए इस वर्ग की महिलाओं के लिए निश्शुल्क तीर्थ यात्रा कराने का निर्णय लिया गया है। आने वाले दिनों में कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस वर्ग का समर्थन मिल जाता है, परंतु विधानसभा और नगर निगम चुनावों में निराशा हाथ लगती है। इनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ाव बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। इसके लिए इस वर्ग की महिलाओं के लिए निश्शुल्क तीर्थ यात्रा कराने का निर्णय लिया गया है। आने वाले दिनों में कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस वर्ग का समर्थन मिल जाता है, परंतु विधानसभा और नगर निगम चुनावों में निराशा हाथ लगती है। पिछले दो विधानसभा चुनाव से पार्टी एक भी आरक्षित सीट नहीं जीत सकी है। पहले की तुलना में निगम में भी इसके अनुसूचित जाति से संबंधित पार्षदों की संख्या बहुत कम हो गई है। 2017 के निगम चुनाव में इसे आरक्षित 46 वार्डों में से 21 में जीत मिली थी। 2022 में यह कम होकर छह (अब 42 आरक्षित वार्ड हैं) तक सिमट गई। दिल्ली में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 15 प्रतिशत है। इनका समर्थन पार्टी को सत्ता तक पहुंचा सकता है। इसके लिए बूथ स्तर पर काम करने की जरूरत है। इसी कड़ी में महिलाओं के लिए तीर्थ यात्रा की शुरुआत पार्टी द्वारा की जा रही है। मादीपुर विधानसभा क्षेत्र से शनिवार को पहला जत्था वृंदावन जाएगा। आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में भाजपा को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कोंडली, त्रिलोकपुरी, गोकलपुरी, देवली, मादीपुर, पटेल नगर,करोलबाग, मंगोलपुरी, बवाना और नांगलोई जाट विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली। सीमापुरी, अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर माजरा विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
दिल्ली में इन महिलाओं को भाजपा कराने जा रही है मुफ्त तीर्थ यात्रा
You Might Also Like
- Advertisement -
- Advertisement -